
Gopiyan Kishan diwani
Compiler:- Abhishek Ranjan
जिस तरह पुस्तक के आवरण को देख के पुस्तक की गुणवत्ता नहीं बता सकते
उसी प्रकार , "मुझे प्रेम है" कह लेने से प्रेम की गुणवत्ता नहीं बता सकते, इसके लिए हमें प्रेम को पढ़ना होगा ,
अगर कोई व्यक्ति कहता है की वो प्रेम में विफल रहा , तो गलती सिर्फ विफल होने वालों की होती है, आपने अपने प्रेम को समय नहीं दिया , आपने उस व्यक्ति को नहीं जाना उसकेविचार नहीं परखे, प्रेम का दावा बहुत लोग करते है, परंतु प्रेम की शक्ति सिर्फ
उन्हें प्राप्त होती है, जो बिना किसी भय के प्रेम निभाने का साहस रखते है। प्रेम की कहानी उस किताब में गढ़ी ही नही जा सकतीजो किताब पहले से भरी हो, अर्थातमोह ,इक्षा , क्रोध , वासना इन सब चीज का त्याग ही प्रेम है, । बस इसी तरह चुनिंदा शब्दों से सजी 50 कलमकारों की कलम से रची कविता, शेर- शायरी, गजल, इत्यादि इस कविता में हर हर्फ़ प्रेम के मायने, एहसासों पर आधारित है।




